नई दिल्ली। रूस राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन वार्ता में सभी क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
Amid tensions with China, Putin assured Modi of a strong strategic partnership
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन से 2 जुलाई 2020 को टेलीफोन पर बातचीत की।
जब लद्दाख सीमा पर चीन के आक्रामक व्यवहार का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। ऐसे में दोनों नेताओं के अहम मायने हैं।
रूस के भारत और चीन दोनों प्रमुख सहयोगी देश हैं।
इसलिए रूस बहुत संतुलित कूटनीति से काम ले रहा है।
ब्लादीमीर का संकटकाल में कोई भी आश्वासन भारत के लिए बहुत अहमियत रखता है।
पुतिन ने सामरिक साझेदारी की प्रतिबद्धता की बात दोहराई है।
इसका कूटनीतिक अर्थ है कि उत्तरी सीमा पर खतरों के मद्देनजर रूस से अपेक्षित 400-एस मिसाइल सिस्टम शीघ्र मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
प्रधानमंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध में विजय की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाए जा रहे समारोहों की सफलता और पर रूस में संवैधानिक संशोधनों पर वोट के सफल समापन के लिए गर्मजोशी से बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने 24 जून 2020 को मास्को में आयोजित सैन्य परेड में एक भारतीय टुकड़ी की भागीदारी को याद करते हुए, इसे भारत और रूस की जनता के बीच स्थायी दोस्ती का प्रतीक बताया।
दोनों नेताओं ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के नकारात्मक परिणामों को दूर करने के लिए दोनों देशों द्वारा किए गए प्रभावी उपायों की चर्चा की और कोविड के बाद की दुनिया की चुनौतियों से मिलकर मुकाबला करने के लिए भारत और रूस के करीबी रिश्तों के महत्व पर सहमति व्यक्त की।
दोनों नेता द्विपक्षीय संपर्क और परामर्शों की गति बनाए रखने पर सहमत हुए, जिससे इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा सके। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की।